शुक्र त्रयोदशी प्रदोष व्रत कथा ( Shukra Trayodashi Pradosh Vrat Katha ) Shukra Pradosh Vrat Katha

शुक्र त्रयोदशी प्रदोष व्रत कथा [ Shukra Trayodashi Pradosh Vrat Katha & Shukra Pradosh Vrat Katha ]

शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व : shukra pradosh vrat ka mahatva in hindi :

शुक्र त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से आरोग्य लाभ होता है । इसके अतिरिक्त वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है एवं सम्पूर्ण पापों से मुक्त होकर शिवधाम को पाता है । शिव जी हमारे सारे कष्टों को दूर कर सुख समृद्धि प्रदान करें ।

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

सूत जी बोले –

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : 7821878500

॥ दोहा ॥

“अभीष्ट सिद्धि की कामना, यदि हो ह्रदय विचार ।

धर्म, अर्थ, कामादि, सुख, मिले पदारथ चार ॥”

शुक्र प्रदोष व्रत कथा !! shukrawar pradosh vrat katha in hindi

व्रत कथा प्राचीनकाल की बात है, एक नगर में तीन मित्र रहते थे – एक राजकुमार, दूसरा ब्राह्मण कुमार और तीसरा धनिक पुत्र । राजकुमार व ब्राह्मण कुमार का विवाह हो चुका था । धनिक पुत्र का भी विवाह हो गया था, किन्तु गौना शेष था । एक दिन तीनों मित्र स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे । ब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा- ‘नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।’ धनिक पुत्र ने यह सुना तो तुरन्त ही अपनी पत्‍नी को लाने का निश्‍चय किया । माता-पिता ने उसे समझाया कि अभी शुक्र देवता डूबे हुए हैं । ऐसे में बहू-बेटियों को उनके घर से विदा करवा लाना शुभ नहीं होता । किन्तु धनिक पुत्र नहीं माना और ससुराल जा पहुंचा । ससुराल में भी उसे रोकने की बहुत कोशिश की गई, मगर उसने जिद नहीं छोड़ी ।

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

माता-पिता को विवश होकर अपनी कन्या की विदाई करनी पड़ी । ससुराल से विदा हो पति-पत्‍नी नगर से बाहर निकले ही थे कि उनकी बैलगाड़ी का पहिया अलग हो गया और एक बैल की टांग टूट गई । दोनों को काफी चोटें आईं फिर भी वे आगे बढ़ते रहे । कुछ दूर जाने पर उनकी भेंट डाकुओं से हो गई । डाकू धन-धान्य लूट ले गए । दोनों रोते-पीटते घर पहूंचे । वहां धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया । उसके पिता ने वैद्य को बुलवाया । वैद्य ने निरीक्षण के बाद घोषणा की कि धनिक पुत्र तीन दिन में मर जाएगा जब ब्राह्मण कुमार को यह समाचार मिला तो वह तुरन्त आया । उसने माता-पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने का परामर्ष दिया और कहा- ‘इसे पत्‍नी सहित वापस ससुराल भेज दें । यह सारी बाधाएं इसलिए आई हैं क्योंकि आपका पुत्र शुक्रास्त में पत्‍नी को विदा करा लाया है । यदि यह वहां पहुंच जाएगा तो बच जाएगा।’ धनिक को ब्राह्मण कुमार की बात ठीक लगी । उसने वैसा ही किया । ससुराल पहुंचते ही धनिक कुमार की हालत ठीक होती चली गई । शुक्र प्रदोष के माहात्म्य से सभी घोर कष्ट टल गए ।

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678

<<< पिछला पेज पढ़ें अगला पेज पढ़ें >>>


यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

You cannot copy content of this page