Sciatica Ke Gharelu Upay साइटिका का दर्द को दूर करना चाहते हो, तो अजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

साइटिका का दर्द के घरेलू उपाय, Sciatica Ke Gharelu Upay, Home Remedies For Sciatica, Sciatica Home Remedies, Ayurvedic Remedy for Sciatica, Sciatica Ke Upay, Sciatica Ka Ilaj.

साइटिका का दर्द के घरेलू उपाय || Sciatica Ke Gharelu Upay

Sciatica Ke Gharelu Upay साइटिका का दर्द को दूर करना चाहते हो, तो अजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय: गृध्रसी एक ऐसा रोग है जिसमें पहले रोगी के कूल्हे में दर्द होता है। फिर धीरे-धीरे यह दर्द नसों के द्वारा पूरे पैरों में उत्पन्न हो जाता है। इस रोग के कारण रोगी को उठने-बैठने तथा चलने-फिरने में कठिनाई हो जाती है। हम यहाँ आपको साइटिका का दर्द के आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने से आप अपने साइटिका का दर्द का इलाज करा या कर सकते हैं।

साइटिका का दर्द के घरेलू उपाय || Sciatica Ke Gharelu Upay

  • गृध्रसी रोग से पीड़ित रोगी को त्रिफला के काढ़े में 10 से 30 मिलीलीटर एरण्ड का तेल मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
  • 6-6 ग्राम एरण्ड की जड़, बेलगिरी, बड़ी कटेरी और छोटी कटेरी को लगभग 320 ग्राम पानी में डालकर उबाल लें। उबलने पर जब 40 ग्राम पानी शेष रह जाए तो इसे उतारकर छान लें। इस पानी में थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पीने से गृध्रसी रोग में लाभ में होता है।
  • बकायन के अंदर की छाल को पानी के साथ सिल पर पीस लें और उस पानी को छानकर पी जाएं। इससे गृध्रसी रोग से पीड़ित रोगी को लाभ मिलता है।
  • नीम की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से और उसका लेप करने से गृध्रसी रोग में लाभ मिलता है।
  • गोखरू, मेढ़ासिंगा, एरण्ड की जड़, बायविडंग, ऊंटकटारा और कटेरी की जड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में एरण्ड का तेल मिलाकर पीने से गृध्रसी रोग दूर हो जाता है।
  • 20 ग्राम निर्गुण्डी के पत्तों को लगभग 400 मिलीलीटर पानी में डालकर धीमी आग पर पकायें तथा चौथाई पानी रह जाने पर छान लें। इस काढ़े को 11 दिन तक पीने से गृध्रसी रोग से पीड़ित रोगी को आराम मिलता है।
  • 20 ग्राम सम्भालू के पत्तों को 400 मिलीलीटर पानी में हल्की आग पर पकायें। चौथाई पानी बचने पर छानकर इस काढ़े को 11 दिन तक पीने से गृध्रसी रोग ठीक हो जाता है।
  • गृध्रसी रोग से ग्रस्त रोगी को धतूरे के पत्तों का काढ़ा बनाकर पैरों की सिंकाई करने और इसके पत्तों से प्राप्त तेल से मालिश करने से बहुत आराम मिलता है।
  • लहसुन को पीसकर तिल के तेल में मिलाकर कुछ देर तक आग पर गर्म करके छानकर दिन में 3-4 बार पैरों पर मालिश करने से गृध्रसी रोग से पीड़ित रोगी को लाभ होता है।
  • लहसुन को घी में भूनकर पीस लें। इसके बाद इसमें सोंठ और पिप्पलामूल का चूर्ण मिलाएं। इसमें से एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ गृध्रसी रोग से ग्रस्त रोगी को देना लाभकारी रहता है।
  • वायबिडंग के साथ लहसुन से प्राप्त रस को पकाकर खाने से और इससे पैरों पर मालिश करने से गृध्रसी रोग के रोगी का दर्द दूर हो जाता है।
  • गृध्रसी रोग में उत्पन्न दर्द में सोंठ और पीपल से प्राप्त तेल की मालिश रोगी के पैरों पर करने से रोगी को बहुत आराम पहुंचता है।
  • सोंठ के साथ कायफल का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 3 से 4 बार सेवन करने से गृध्रसी रोग के रोगी को बहुत लाभ पहुंचता है।
  • पोस्ता के काढ़े को प्रतिदिन सेवन करने से गृध्रसी रोग में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
  • लौंग के तेल से पैरों पर मालिश करने से गृध्रसी रोग का दर्द दूर हो जाता है।
  • हारसिंगार के पत्तों का धीमी आंच पर काढ़ा बनाकर गृध्रसी रोग से पीड़ित रोगी द्वारा सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • सिनुआर (सम्भालू, निर्गुण्डी) के पत्तों का काढ़ा रोजाना सुबह-शाम पीने से गृध्रसी का रोग दूर हो जाता है।
  • करजनी के बीजों का रस गृध्रसी रोग में पैरों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
  • गृध्रसी रोग में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए 6 से 10 ग्राम बरिचार (बला, खिरैंटी) की जड़ को सेंधानमक एवं शुद्ध हींग के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से दर्द से आराम मिलता है।
  • 10 से 20 मिलीलीटर गन्ध प्रसारिणी के पत्तों का रस सोंठ, पीपल एवं कालीमिर्च के साथ सेवन करने से गृध्रसी रोग में आराम मिलता है।
  • गृध्रसी रोग के कारण दर्द होने वाले स्थान पर राई का लेप करने से लाभ होता है।
  • 20 मिलीलीटर सरसों के तेल में 50 दाने धनिये के, 1 पोती लहसुन और 1 चुटकी नमक डालकर भूनना चाहिए। बाद में इस तेल को छान लेना चाहिए। इसके बाद इस तेल से गृध्रसी रोग से पीड़ित रोगी की धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए। इस मालिश से पुट्ठों में तनाव और खिंचाव कम हो जाता है।
  • 1 किलो मेथी को बारीक पीसकर उसमे 2 किलो घी और 12 गुना दूध मिलाकर धीमी आग पर उबालकर शहद जैसा गाढ़ा बना लें। उसके पश्चात उसमें 3 गुनी शक्कर डालकर मेथी पाक तैयार कर लें। इस मेथी पाक को रोजाना सुबह 40 ग्राम तक की मात्रा में सेवन करने से समस्त प्रकार के वायु रोग नष्ट हो जाते हैं, शरीर हष्ट-पुष्ट होता है और वीर्य में वृद्धि होती हैं। गर्भवती महिलाएं यदि इस पाक को खाएं तो महिलाओं का सूतिका रोग मिट जाता है।
  • पेठे के रस का सेवन करने से गृध्रसी रोग और आधे सिर के दर्द में लाभ मिलता है।
  • तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर उसकी भाप वातनाड़ी पर देने से गृध्रसी शूल (साइटिका पेन) में बहुत लाभ मिलता है।
  • 60 ग्राम चोबचीनी को मोटा-मोटा कूटकर रख लें। 200 मिलीलीटर पानी में 6 ग्राम चोबचीनी को रात में भिगोकर रख लें। सुबह उस चोबचीनी को आधा पानी खत्म होने तक उबालें और थोड़ा ठंडा हो जाने पर पी लें। इससे कूल्हे से पैर तक का दर्द दूर हो जाता है।
  • कूल्हे से पैर तक के दर्द को दूर करने के लिये 50 मिलीलीटर तिल के तेल में 10 लहसुन की कलियों को छीलकर गर्म करें। फिर उसे उतारकर ठंडा करके उसकी मालिश करने से रोगी को गृध्रसी रोग में आराम मिलता है।

नोट: इस Sciatica Ke Gharelu Upay के आर्टिकल में दी गई जानकारियां रिसर्च पर आधारित हैं। इन्‍हें लेकर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूरी तरह सत्‍य और सटीक हैं, इन्‍हें आजमाने और अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

You cannot copy content of this page