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महाशिवरात्रि की पूजा विधि || Mahashivaratri Ki Puja Vidhi || Mahashivaratri Par Puja Vidhi
यह तो आप सब जानते हो की महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की कृ्ष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ! महाशिवरात्रि पर्व का इसलिए भी ज्यादा महत्व है क्यों की भगवान भोले नाथ को देवों के देव कहा जाता है ! यह तो आप सब पहले से जानते हो की सब देवों में महादेव को भोलेनाथ के नाम से पुकारा जाता है इसका कारण यह है की भोलेनाथ जी को थोड़ी पूजा अर्चना से खुश किया जा सकता है ! इसलिए हम आपको यंहा Mahashivaratri Ki Puja Vidhi के बारे में बताने जा रहे हैं !महाशिवरात्रि के दिन विधि पूर्वक व्रत रखने पर तथा शिवपूजन, शिव कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ व “उँ नम: शिवाय” का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं। व्रत के दूसरे दिन यथाशक्ति वस्त्र-क्षीर सहित भोजन, दक्षिणादि प्रदान करके संतुष्ट किया जाता हैं !Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे महाशिवरात्रि की पूजा विधि || Mahashivaratri Ki Puja Vidhi || Mahashivaratri Par Puja Vidhi को पढ़कर आप भी महाशिवरात्रि के दिन विधि अनुसार करके लाभ व् फायदा उठा सकोंगे !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Mahashivaratri Ki Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi.
महाशिवरात्रि की पूजा विधि || Mahashivaratri Ki Puja Vidhi || Mahashivaratri Par Puja Vidhi
महाशिवरात्रि कब है ? २०२० || Mahashivaratri Kab Hai 2020
इस साल 2020 में महाशिवरात्रि का पर्व फ़रवरी महीने की 21 तारीख़ वार शुक्रवार को बनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त || Mahashivaratri Ka Shubh Muhurat
महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 21 तारीख, वार शुक्रवार से शाम को 05:21 मिनट से 22 फरवरी, वार शनिवार को शाम 07:02 मिनट तक रहेगा।
रात्रि प्रहर पूजा मुहूर्त :
शाम को 06:41 मिनट से रात 12:52 मिनट तक होगी।
महाशिवरात्रि व्रत की महिमा और महाशिवरात्रि उद्धापन विधि || Mahashivaratri Vrat Ki Mahima & Mahashivaratri Udyapan Vidhi
महाशिवरात्रि के व्रत के बारे में यह मान्यता है की इस उपवास करने से सभी भोगों की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है, यह उपवास को करने से सभी पापों का क्षय व् नाश हो जाता है ! इस उपवास को लगातार 14 साल तक करने के बाद विधि विधान पूर्वक उद्धापन कर देना चाहिए !
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महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प || Mahashivaratri Vrat Ka Sankalpa
महाशिवरात्रि व्रत करने से पहले जातक को संकल्प लेते समय सम्वत, मास, पक्ष, तिथि-नक्षत्र, अपना नाम व गोत्रा आदि का उच्चारण करते हुए करना चाहिए ! महा शिवरात्रि का व्रत का संकल्प करते समय जातक को अपने हाथ में जल, चावल, पुष्प आदि सामग्री लेकर शिवलिंग पर छोड देनी चाहिए !
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महाशिवरात्रि की पूजा की सामग्री || Mahashivaratri Ki Puja Ki Samagri
महाशिवरात्री के उपवास में निम्न प्रकार की पूजन सामग्री का प्रयोग किया जाता है पंचामृ्त (गंगाजल, दुध, दही, घी, शहद), सुगंधित फूल, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन का लेप, ऋतुफल आदि !
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महाशिवरात्रि की पूजा विधि || Mahashivaratri Ki Puja Vidhi
महा शिवरात्रि व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन, भगवान भोले नाथ का ध्यान करना चाहिए। प्रात: स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है। इसके ईशान कोण दिशा की ओर मुख कर शिव का पूजन धूप, पुष्पादि व अन्य पूजन सामग्री से पूजन करना चाहिए।
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इस व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है। प्रत्येक पहर की पूजा में “उँ नम: शिवाय” व ” शिवाय नम:” का जाप करते रहना चाहिए। अगर शिव मंदिर में यह जाप करना संभव न हों, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर जाकर इस मंत्र का जाप किया जा सकता हैं। चारों पहर में किये जाने वाले इन मंत्र जापों से विशेष पुन्य प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त उपावस की अवधि में रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर अत्यन्त प्रसन्न होते है।
शिव अभिषेक विधि || Shiv Abhishek Vidhi
महाशिव रात्रि के दिन शिव अभिषेक करने के लिये सबसे पहले एक मिट्टी का बर्तन लेकर उसमें पानी भरकर, पानी में बेलपत्र, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित किये जाते है। व्रत के दिन शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए और मन में असात्विक विचारों को आने से रोकना चाहिए। शिवरात्रि के अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।
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महाशिवरात्रि पूजन करने का विधि-विधान || Mahashivaratri Ki Pujan Karne Ka Vidhi Vidhan
महाशिवरात्री के दिन शिवभक्त का जमावडा शिव मंदिरों में विशेष रुप से देखने को मिलता है। भगवान भोले नाथ अत्यधिक प्रसन्न होते है, जब उनका पूजन बेल- पत्र आदि चढाते हुए किया जाता है। व्रत करने और पूजन के साथ जब रात्रि जागरण भी किया जाये, तो यह व्रत और अधिक शुभ फल देता है। इस दिन भगवान शिव की शादी हुई थी, इसलिये रात्रि में शिव की बारात निकाली जाती है। सभी वर्गों के लोग इस व्रत को कर पुन्य प्राप्त कर सकते हैं ।
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