गणगौर की पूजा विधि, Gangaur Ki Puja Vidhi, Gangaur Ki Puja Kab Hai 2023, Gangaur Ki Puja Samagri, Gangaur Ki Puja Kaise Kare, Gangaur Ki Puja Ka Geet, Gangaur Vrat Ka Udyapan Vidhi.
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678
नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )
30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
साधना Whatsapp ग्रुप्स
तंत्र-मंत्र-यन्त्र Whatsapp ग्रुप्स
ज्योतिष व राशिफ़ल Whatsapp ग्रुप्स
Daily ज्योतिष टिप्स Whatsapp ग्रुप्स
गणगौर की पूजा विधि || Gangaur Ki Puja Vidhi || Gangaur Puja Ki Vidhi
गणगौर एक त्योहार है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है । होली के दूसरे दिन यानी चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से जो नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं, वे चैत्र शुक्ल द्वितीया के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं । यह व्रत विवाहिता लड़कियों के लिए पति का अनुराग उत्पन्न कराने वाला और कुमारियों को उत्तम पति देने वाला है । इससे सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है । हम यंहा आपको गणगौर की पूजा विधि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं ! कैसे करें गणगौर पूजा विधि को पढ़कर आप भी बहुत गणगौर की पूजा कर सकते हैं ! Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi द्वारा बताये जा रहे गणगौर की पूजा विधि || Gangaur Ki Puja Vidhi || Gangaur Puja Ki Vidhi को जानकर आप बहुत आसानी से गणगौर की पूजा अर्चना कर सकोंगे !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें Mobile & Whats app Number : 9667189678 Gangaur Ki Puja Vidhi By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi.
गणगौर की पूजा विधि || Gangaur Ki Puja Vidhi || Gangaur Puja Ki Vidhi
गणगौर की पूजा कब है? || Gangaur Ki Puja Kab Hai? :
इस बार 2023 में गणगौर पूजा मार्च महीने की 24 तारीख वार शुक्रवार के दिन की जाएगी।
गणगौर की पूजा सामग्री || Gangaur Ki Puja Samagri :
होली की राख़, मिटटी, एक टोकरी, दूब, फुल, चार कटोरियां, रोली, हल्दी, मेहंदी, काजल, चावल, एक लोटे में जल, एक मिट्टी की कटोरी, हल्दी की गांठ, चांदी की अंगूठी, साबुत सुपारी, एक कौड़ी, एक छोटे किनारे की थाली।
गणगौर की पूजा विधि || Gangaur Ki Puja Vidhi
गणगौर पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि से आरम्भ की जाती है ! होली के दुसरे दिन से गणगौर की पूजा की जाती हैं ! यह पूजा सोलह दिन तक चलती हैं ! नवविवाहिताएं अपने सुहाग के लिए शादी के बाद की पहली गणगौर की विशेष रूप से पूजा करती हैं ! होली के दुसरे दिन स्नान करके होली की राख़ और मिटटी से आठ गणगौर बनाई जाती हैं ! टोकरी में दूब बिछा कर इन गणगौरों को रख दिया जाता हैं ! इसके बाद उन्हें छोटे छोटे कपड़ों से लपेट देते हैं !
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
पूर्व दिशा की दिवार के पास रखकर उस पर गणगौर की स्थापित का दिया जाता हैं ! दीवार पर भी गणगौर और ईसर का चित्र बना लें ! एक लोटे में जल भर लें उसके ऊपर दूब और फुल रख लें ! इसके बाद दूब वाला गीत गाए ! अलग अलग चार कटोरियाँ में हल्दी, रोली, मेहंदी, और काजल इ एक डिबिया लेकर दीवार पर इन सभी से अलग अलग सोलह बिंदिया लगाई जाती हैं ! बिंदी लगाने के बाद पूजा ख़त्म करके ही उठाना चाहिए ! एक मिटटी की कटोरी में थोडा सा जल, एक हल्दी की गांठ, कौड़ी, चांदी की अंगूठी और थोड़ी सी दूब रख लें ! गणगौर के फुल चढाने के बाद सवेर का गीत गाए ! गणगौर की पूजा दो महिलाएं को जोड़े से करनी चाहिए ! दोनों महिलाये एक दुसरे की छोटी अंगुली से हाथ पकड़ लेती हैं ! पूजा पूरी करने के बाद ही हाथ से जोड़ा छोड़ा हैं ! यदि किसी महिला का जोड़ा नहीं हैं तो वह अपनी चूड़ी या चुनड़ी को पकड़कर भी जोड़ा ले सकती हैं !
दोनों हाथों में दूब लेकर मिटटी की कटोरी को थाली से थोडा सा उठाकर धीर धीरे हिलाते हैं और और एल खेल वाला गीत गाते हैं ! इसके बाद दूब से पाटा धोते हैं और पाटा धोने का गीत गाते हैं और गणगौर की पूजा हैं !
गणगौर की पूजा कैसे करे || Gangaur Ki Puja Kaise Kare :
गणगौर की पूजा करने के लिए सोलह बार पूजा का गीत गाते जाते हैं और बीच बीच में दूब को जल के लोटे में डुबोकर गणगौर को जल का छींटा मारते हैं ! जब एक बार यह गीत हो जाय तो पाटे पर एक बिंदी लगा दें ! इस तरह जब सोलह बिंदी लग जाए तो गणगौर की पूजा हो जाती हैं !
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
गणगौर की पूजा का गीत || Gangaur Ki Puja Ka Geet
गौर-गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती
पार्वती का आला टीला, गोर का सोना का टीला
टीला दे, टमका दे, राजा रानी बरत करे
करता करता, आस आयो मास
आयो, खेरे खांडे लाडू लायो,
लाडू ले बीरा ने दियो, बीरो ले गटकायो
साड़ी में सिंगोड़ा, बाड़ी में बिजोरा,
सान मान सोला, ईसर गोरजा
दोनों को जोड़ा, रानी पूजे राज में,
दोनों का सुहाग में
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
रानी को राज घटतो जाय,
म्हारो सुहाग बढ़तो जाय
किडी किडी किडो दे,
किडी थारी जात दे,
जात पड़ी गुजरात दे,
गुजरात थारो पानी आयो,
दे दे खंबा पानी आयो,
आखा फूल कमल की डाली,
मालीजी दूब दो, दूब की डाल दो
डाल की किरण, दो किरण मन्जे
एक, दो, तीन, चार, पांच, छ:, सात, आठ,
नौ, दस, ग्यारह, बारह, तेरह, चौदह, पंद्रह, सोलह।
यह गीत सोलह बार गाने के बाद गणगौर की आरती करें ! आरती का गीत गाने के बाद हाथ खोले लें ! और एक हाथ में दूब को गणगौर पर चढ़ा दें ! दुसरे हाथ की दूब को हाथ में ही रखें और गणगौर की कहानी सुनें !
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
गणगौर व्रत का उद्यापन विधि || Gangaur Vrat Ka Udyapan Vidhi
यदि आप गणगौर व्रत का उद्यापन करने के लिए सोलह सुहागन स्त्रियों को समस्त सोलह शृंगार की वस्तुएं देकर भोजन चाहिए ! इसके बाद गौरी जी की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए ! काठ सुनने के बाद बाद देवी गौरी जी पर चढ़ाए हुए सिन्दूर से स्त्रियां को अपनी मांग भरनी चाहिए ! फिर उसके बाद उन्हें केवल एक बार भोजन करके गणगौर व्रत का उद्यापन कर दिया जाता है । गणगौर का प्रसाद पुरुषों के लिए वर्जित है ।
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678
<<< पिछला पेज पढ़ें अगला पेज पढ़ें >>>
यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )
यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here