श्रीदुर्गासप्तशती ( Durga Saptashati ) Durga Saptashati Stotram

श्रीदुर्गासप्तशती [ Durga Saptashati & Durga Saptashati Stotram ]

श्रीदुर्गासप्तशती के लाभ : durga saptashati ke labh in hindi : श्रीदुर्गासप्तशती के मुख्य मुख्य अध्याय के श्लोक बताये जा रहे हैं बताये जा रहे श्रीदुर्गासप्तशती के श्लोक को पढ़कर आप सम्पूर्ण श्रीदुर्गासप्तशती का लाभ उठा पा सकते हैं ! श्रीदुर्गासप्तशती, durga saptashati in hindi, durga saptashati stotram in hindi, durga stotram in hindi, दुर्गासप्तशती, श्रीदुर्गासप्तशती के फ़ायदे, durga saptashati ke fayde in hindi, श्रीदुर्गासप्तशती के लाभ, durga saptashati ke labh in hindi, durga saptashati benefits in hindi, durga saptashati in sanskrit, durga saptashati stotram in hindi, durga saptashati mp3 download, durga saptashati lyrics in hindi, durga saptashati pdf in hindiआदि के बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 7821878500 durga saptashati by acharya pandit lalit sharma

Related Post :

नवरात्रि के उपाय || Navratri Ke Upay

नवरात्रि में 9 दिन के 9 उपाय || Navratri Me 9 Din Ke 9 Upay

राशि अनुसार नवरात्रि के उपाय || Rashi Anusar Navratri Ke Upay

माँ दुर्गा देवी मंत्र || Maa Durga Devi Mantra

श्री दुर्गा स्तुति || Shri Durga Stuti

श्री दुर्गादेवी ध्यानम् || Shri Durga Devi Dhyanam

श्री दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र || Shri Durga Dwatrinsha Naamamala Stotra

देवी अपराध क्षमा स्तोत्र || Devi Aparadha Kshama Stotram

देवी क्षमा प्रार्थना स्तोत्र || Devi Kshama Prarthana Stotram

श्रीदुर्गासप्तशती-1 !! durga saptashati-1 in hindi

इन्द्रादिदेवैः देव्याः स्तुतिः

( श्रीदुर्गासप्तशती चतुर्थाध्यायः )

ऊँ कालाभ्राभां कटाक्षैररिकुलभयदां मौलिबद्धेन्दुरेखां शङ्खं चक्रं कृपाणं त्रिशिखमपि करैरुद्वहन्तीं त्रिनेत्राम्।

सिंहस्कन्धाधिरूढां त्रिभुवनमखिलं तेजसा पूरयन्तीं ध्यायेद् दुर्गां जयाख्यां त्रिदशपरिवृतां सेवितां सिद्धिकामैः ॥१॥

शक्रादयः सुरगणा निहतेऽतिवीर्ये तस्मिन् दुरात्मनि सुरारिबले च देव्या।

तां तुष्टुवुः प्रणतिनम्रशिरोधरांसा वाग्भिः प्रहर्षपुलकोद्गमचारुदेहाः ॥२॥

देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या ।

तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥३॥

यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च।

सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु ॥४॥

याः श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः ।

श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा तां त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्॥५॥

किं वर्णयाम तव रूपमचिन्त्यमेतत् किं चातिवीर्यमसुरक्षयकारि भूरि।

किं चाहवेषु चरितानि तवाद्भुतानि सर्वेषु देव्यसुरदेवगणादिकेषु ॥६॥

हेतुः समस्तजगतां त्रिगुणापि दोषै-र्न ज्ञायसे हरिहरादिभिरप्यपारा ।

सर्वाश्रयाखिलमिदं जगदंशभूत-मव्याकृता हि परमा प्रकृतिस्त्वमाद्या ॥७॥

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

यस्याः समस्तसुरता समुदीरणेन तृप्तिं प्रयाति सकलेषु मखेषु देवि।

स्वाहासि वै पितृगणस्य च तृप्तिहेतु-रुच्चार्यसे त्वमत एव जनैः स्वधा च ॥८॥

या मुक्तिहेतुरविचिन्त्यमहाव्रता त्व-मभ्यस्यसे सुनियतेन्द्रियसत्त्वसारैः।

मोक्षार्थिभिर्मुनिभिरस्तसमस्तदोषै-र्विद्यासि सा भगवती परमा हि देवि ॥९॥

शब्दात्मिका सुविमलर्ग्यजुषां निधान-मुद्गीथरम्यपदपाठवतां च साम्नाम्।

देवी त्रयी भगवती भवभावनाय वार्त्ता च सर्वजगतां परमार्तिहन्त्री ॥१०॥

मेधासि देवि विदिताखिलशास्त्रसारा दुर्गासि दुर्गभवसागरनौरसङ्गा।

श्रीः कैटभारिहृदयैककृताधिवासा गौरी त्वमेव शशिमौलिकृतप्रतिष्ठा ॥११॥

ईषत्सहासममलं परिपूर्णचन्द्र-बिम्बानुकारि कनकोत्तमकान्तिकान्तम्।

अत्यद्भुतं प्रहृतमात्तरुषा तथापि वक्त्रं विलोक्य सहसा महिषासुरेण ॥१२॥

दृष्ट्वा तु देवि कुपितं भ्रुकुटीकराल-मुद्यच्छशाङ्कसदृशच्छवि यन्न सद्यः।

प्राणान्मुमोच महिषस्तदतीव चित्रं कैर्जीव्यते हि कुपितान्तकदर्शनेन ॥१३॥

देवि प्रसीद परमा भवती भवाय सद्यो विनाशयसि कोपवती कुलानि।

विज्ञातमेतदधुनैव यदस्तमेत-न्नीतं बलं सुविपुलं महिषासुरस्य ॥१४॥

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

ते सम्मता जनपदेषु धनानि तेषां तेषां यशांसि न च सीदति धर्मवर्गः।

धन्यास्त एव निभृतात्मजभृत्यदारा येषां सदाभ्युदयदा भवती प्रसन्ना ॥१५॥

धर्म्याणि देवि सकलानि सदैव कर्मा-ण्यत्यादृतः प्रतिदिनं सुकृती करोति।

स्वर्गं प्रयाति च ततो भवतीप्रसादा-ल्लोकत्रयेऽपि फलदा ननु देवि तेन ॥१६॥

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ॥१७॥

एभिर्हतैर्जगदुपैति सुखं तथैते कुर्वन्तु नाम नरकाय चिराय पापम्।

संग्राममृत्युमधिगम्य दिवं प्रयान्तु मत्वेति नूनममहितान् विनिहंसि देवि ॥१८॥

दृष्ट्वैव किं न भवती प्रकरोति भस्म सर्वासुरानरिषु यत्प्रहिणोषि शस्त्रम् ।

लोकान् प्रयान्तु रिपवोऽपि हि शस्त्रपूता इत्थं मतिर्भवति तेष्वपि तेऽतिसाध्वी॥१९॥

खड्गप्रभानिकरविस्फुरणैस्तथोग्रैः शूलाग्रकान्तिनिवहेन दृशोऽसुराणाम् ।

यन्नागता विलयमंशुमदिन्दुखण्ड-योग्याननं तत्र विलोकयतां तदेतत् ॥२०॥

दुर्वृत्तवृत्तशमनं तव देवि शीलं रूपं तथैतदविचिन्त्यमतुल्यमन्यैः।

वीर्यं च हन्तृ हृतदेवपराक्रमाणां वैरिष्वपि प्रकटितैव दया त्वयेत्थम्॥२१॥

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

केनोपमा भवतु तेऽस्य पराक्रमस्य रूपं च शत्रुभयकार्यतिहारि कुत्र ।

चित्ते कृपा समरनिष्ठुरता च दृष्टा त्वय्येव देवि वरदे भुवनत्रयेऽपि।२२॥

त्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातं त्वया समरमूर्धनि तेऽपि हत्वा ।

नीता दिवं रिपुगणा भयमप्यपास्त-मस्माकमुन्मदसुरारिभवं नमस्ते॥२३॥

शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।

घण्टास्वनेन नः पाहि चापज्यानिःस्वनेन च ॥२४॥

प्राच्यां रक्ष प्रतीच्यां च चण्डिके रक्ष दक्षिणे !

भ्रामणेनात्मशूलस्य उत्तरस्यां तथेश्वरि ॥२५॥

सौम्यानि यानि रूपाणि त्रैलिक्ये विचरन्ति ते।

यानि चात्यर्थघोराणि तै रक्षास्मांस्तथा भुवम् ॥२६॥

खड्गशूलगदादीनि यानि चास्त्राणि तेऽम्बिके

करपल्लवसङ्गीनि तैरस्मान् रक्ष सर्वतः ॥२७॥

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : 7821878500

<<< पिछला पेज पढ़ें अगला पेज पढ़ें >>>


नोट : ज्योतिष सम्बन्धित व् वास्तु सम्बन्धित समस्या से परेशान हो तो ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 7821878500 ( Paid Services )

Related Post :

नवरात्रि के उपाय || Navratri Ke Upay

नवरात्रि में 9 दिन के 9 उपाय || Navratri Me 9 Din Ke 9 Upay

राशि अनुसार नवरात्रि के उपाय || Rashi Anusar Navratri Ke Upay

माँ दुर्गा देवी मंत्र || Maa Durga Devi Mantra

श्री दुर्गा स्तुति || Shri Durga Stuti

श्री दुर्गादेवी ध्यानम् || Shri Durga Devi Dhyanam

श्री दुर्गा द्वात्रिंश नाम माला स्तोत्र || Shri Durga Dwatrinsha Naamamala Stotra

देवी अपराध क्षमा स्तोत्र || Devi Aparadha Kshama Stotram

देवी क्षमा प्रार्थना स्तोत्र || Devi Kshama Prarthana Stotram

आपदुन्मूलनदुर्गास्तोत्रम् || Apadunmoolana Durga Stotram

शिव कृतं दुर्गा स्तोत्र || Shiv Krit Durga Stotra

परशुराम कृतं दुर्गा स्तोत्र || Parshuram Krit Durga Stotra

श्री कृष्ण कृतं दुर्गा स्तोत्रम् || Sri Krishna Krit Durga Stotram

श्री चण्डी पाठ || Shri Chandi Path

देवी कवच || Devi Kavacham

श्री दुर्गा कवचम् || Shri Durga Kavacham

ब्रह्माण्ड मोहनाख्यं दुर्गा कवचम् || Brahmanda Mohanakhyam Durga Kavacham

ऋग्वेदोक्त देवी सूक्तम् || Rigvedoktam Devi Suktam

श्री दुर्गा अष्टकम् || Shri Durga Ashtakam

श्री दुर्गाष्टकम् || Shri Durgashtakam

श्री दुर्गा आपदुद्धाराष्टकम् || Sri Durga Apaduddharaka Ashtakam

आर्या दुर्गा अष्टकम् || Arya Durga Ashtakam

श्री दुर्गा पञ्चरत्नम् || Shri Durga Pancharatnam

श्री दुर्गा मानस पूजा || Shri Durga Manasa Puja

श्री दुर्गा सहस्त्रनाम स्तोत्रम् || Shri Durga Sahasranama Stotram

माँ दुर्गा के 108 नाम || Maa Durga Ke 108 Naam

दुर्गा माँ अष्टोत्तर शतनामावली || Durga Maa Ashtottara Shatanamavali

दुर्गा देवी अष्टोत्तर शतनामावली || Shri Durga Devi Ashtottara Shatanamavali

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् || Shri Durga Ashtottara Shatanama Stotram

श्री दुर्गा चालीसा || Shri Durga Chalisa

श्री दुर्गा माता की आरती || Shri Durga Mata Ki Aarti

अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती || Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti

नवार्ण मंत्र साधना विधि || Navarna Mantra Sadhana Vidhi

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र || Siddha Kunjika Stotram

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र साधना || Siddha Kunjika Stotram Sadhana

दस महाविद्या साधना विधि || Dus Mahavidya Sadhana Vidhi

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

You cannot copy content of this page