मोक्षदा एकादशी व्रत कथा, Mokshada Ekadashi Vrat Katha, Mokshada Ekadashi Vrat Kahani, मोक्षदा एकादशी व्रत कब हैं २०१९, Mokshada Ekadashi Vrat Kab Hai 2019, मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का पुण्य, Mokshada Ekadashi Vrat Katha Ka Punya, Mokshada Ekadashi Vrat Katha Pdf, Mokshada Ekadashi Vrat Katha Pdf Download, Mokshada Ekadashi Vrat Katha Lyrics, Mokshada Gyaras Vrat Katha, Mokshada Gyaras Vrat Kahani, Mokshada Gyaras Vrat Kab Hai 2019.
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678
नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )
30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678
साधना Whatsapp ग्रुप्स
तंत्र-मंत्र-यन्त्र Whatsapp ग्रुप्स
ज्योतिष व राशिफ़ल Whatsapp ग्रुप्स
Daily ज्योतिष टिप्स Whatsapp ग्रुप्स
हर महीनें का राशिफल, व्रत, ज्योतिष उपाय, वास्तु जानकारी, मंत्र, तंत्र, साधना, पूजा पाठ विधि, पंचांग, मुहूर्त व योग आदि की जानकारी के लिए अभी हमारे Youtube Channel Pandit Lalit Trivedi को Subscribers करना नहीं भूलें, क्लिक करके अभी Subscribers करें : Click Here
मोक्षदा एकादशी व्रत कथा || Mokshada Ekadashi Vrat Katha || Mokshada Ekadashi Vrat Kahani
मोक्षदा एकादशी व्रत मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है. इस दिन भगवान श्री केशव का संपूर्ण वस्तुओं से पूजन किया जाता है. इस एकादशी के दिन नैवेद्ध तथा आरती कर प्रसाद वितरित करके ब्राह्माणों को खिलाया जाता है. और दक्षिणा भी बांटी जाती है.
मोक्षदा एकादशी व्रत कब हैं ? ||Mokshada Ekadashi VratKab Hai 2019 :
Mokshada Ekadashi Vrat को दिसम्बर महीने की 8 तारीख़, वार रविवार के दिन बनाई जायेगीं !
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
मोक्षदा एकादशी व्रत कथा || Mokshada Ekadashi Vrat Katha
महाराज युधिष्ठिर ने कहा- हे भगवन! आप तीनों लोकों के स्वामी, सबको सुख देने वाले और जगत के पति हैं। मैं आपको नमस्कार करता हूँ। हे देव! आप सबके हितैषी हैं अत: मेरे संशय को दूर कर मुझे बताइए कि मार्गशीर्ष एकादशी का क्या नाम है?
उस दिन कौन से देवता का पूजन किया जाता है और उसकी क्या विधि है? कृपया मुझे बताएँ। भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्ण कहने लगे कि धर्मराज, तुमने बड़ा ही उत्तम प्रश्न किया है। इसके सुनने से तुम्हारा यश संसार में फैलेगा। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी अनेक पापों को नष्ट करने वाली है। इसका नाम मोक्षदा एकादशी है।
इस दिन दामोदर भगवान की धूप-दीप, नैवेद्य आदि से भक्तिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। अब इस विषय में मैं एक पुराणों की कथा कहता हूँ। गोकुल नाम के नगर में वैखानस नामक राजा राज्य करता था। उसके राज्य में चारों वेदों के ज्ञाता ब्राह्मण रहते थे। वह राजा अपनी प्रजा का पुत्रवत पालन करता था। एक बार रात्रि में राजा ने एक स्वप्न देखा कि उसके पिता नरक में हैं। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
प्रात: वह विद्वान ब्राह्मणों के पास गया और अपना स्वप्न सुनाया। कहा- मैंने अपने पिता को नरक में कष्ट उठाते देखा है। उन्होंने मुझसे कहा कि हे पुत्र मैं नरक में पड़ा हूँ। यहाँ से तुम मुझे मुक्त कराओ। जब से मैंने ये वचन सुने हैं तब से मैं बहुत बेचैन हूँ। चित्त में बड़ी अशांति हो रही है। मुझे इस राज्य, धन, पुत्र, स्त्री, हाथी, घोड़े आदि में कुछ भी सुख प्रतीत नहीं होता। क्या करूँ?
राजा ने कहा- हे ब्राह्मण देवताओं! इस दु:ख के कारण मेरा सारा शरीर जल रहा है। अब आप कृपा करके कोई तप, दान, व्रत आदि ऐसा उपाय बताइए जिससे मेरे पिता को मुक्ति मिल जाए। उस पुत्र का जीवन व्यर्थ है जो अपने माता-पिता का उद्धार न कर सके। एक उत्तम पुत्र जो अपने माता-पिता तथा पूर्वजों का उद्धार करता है, वह हजार मुर्ख पुत्रों से अच्छा है। जैसे एक चंद्रमा सारे जगत में प्रकाश कर देता है, परंतु हजारों तारे नहीं कर सकते। ब्राह्मणों ने कहा- हे राजन! यहाँ पास ही भूत, भविष्य, वर्तमान के ज्ञाता पर्वत ऋषि का आश्रम है। आपकी समस्या का हल वे जरूर करेंगे।
क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here
सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here
ऐसा सुनकर राजा मुनि के आश्रम पर गया। उस आश्रम में अनेक शांत चित्त योगी और मुनि तपस्या कर रहे थे। उसी जगह पर्वत मुनि बैठे थे। राजा ने मुनि को साष्टांग दंडवत किया। मुनि ने राजा से सांगोपांग कुशल पूछी। राजा ने कहा कि महाराज आपकी कृपा से मेरे राज्य में सब कुशल हैं, लेकिन अकस्मात मेरे च्ति में अत्यंत अशांति होने लगी है। ऐसा सुनकर पर्वत मुनि ने आँखें बंद की और भूत विचारने लगे। फिर बोले हे राजन! मैंने योग के बल से तुम्हारे पिता के कुकर्मों को जान लिया है। उन्होंने पूर्व जन्म में कामातुर होकर एक पत्नी को रति दी किंतु सौत के कहने पर दूसरे पत्नी को ऋतुदान माँगने पर भी नहीं दिया। उसी पापकर्म के कारण तुम्हारे पिता को नर्क में जाना पड़ा।
तब राजा ने कहा इसका कोई उपाय बताइए। मुनि बोले- हे राजन! आप मार्गशीर्ष एकादशी का उपवास करें और उस उपवास के पुण्य को अपने पिता को संकल्प कर दें। इसके प्रभाव से आपके पिता की अवश्य नर्क से मुक्ति होगी। मुनि के ये वचन सुनकर राजा महल में आया और मुनि के कहने अनुसार कुटुम्ब सहित मोक्षदा एकादशी का व्रत किया। इसके उपवास का पुण्य उसने पिता को अर्पण कर दिया। इसके प्रभाव से उसके पिता को मुक्ति मिल गई और स्वर्ग में जाते हुए वे पुत्र से कहने लगे- हे पुत्र तेरा कल्याण हो । यह कहकर स्वर्ग चले गए।
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678
<<< पिछला पेज पढ़ें अगला पेज पढ़ें >>>
यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )
यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here
Related Post :
एकादशी व्रत पूजा विधि || Ekadashi Vrat Puja Vidhi
एकादशी व्रत उद्यापन की विधि || Ekadashi Vrat Udyapan Ki Vidhi
राशि अनुसार एकादशी के उपाय || Rashi Anusar Ekadashi Ke Upay
एकादशी के उपाय || Ekadashi Ke Upay || Ekadashi Ke Din Kare Ke Upay
एकादशी की आरती || Ekadashi Ki Aarti || Ekadashi Mata Ki Aarti