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आमाशय का घाव के घरेलू उपाय || Gastric Ulcer Ke Gharelu Upay
Gastric Ulcer Ke Gharelu Upay आमाशय (पेट) के अल्सर को जड़ से करना हो खत्म, तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय: जिन लोगों के काफी लम्बे समय तक पेट में दर्द, पाचनतंत्र से सम्बंधी बीमारी, अम्लरोग, गैस्ट्रिक आदि कारणों से आमाशय में जख्म या घाव हो जाता है। हम यहाँ आपको कुछ आमाशय का घाव के आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने से आप अपने आमाशय का घाव का इलाज करा या कर सकते हैं।
आमाशय का घाव के घरेलू उपाय || Gastric Ulcer Ke Gharelu Upay
- मजीठ का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार पानी के साथ पिलाने से आमाशय का जख्म ठीक होता है।
- रसौंत का चूर्ण आध से 2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन मक्खन के साथ सुबह-शाम लेने से आमाशय का घाव समाप्त होता है।
- गुग्गुल की आधे से एक ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से आमाशय का घाव व दूषित द्रव्य समाप्त होता है।
- गोंद में तारपीन के तेल की 3 से 10 बूंदों को मिलाकर चीनी की बनी हुई शर्बत के साथ सेवन करने से आमाशय के जख्म में होने वाला खून के बहाव या आंतरिक बहाव को रोकता है।
- धऊंला का गूदा एक चौथाई से आधा ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से गैस्ट्रिक अल्सर ठीक होता है।
- बांदा (बांझी) आधे से एक ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से आमाशय का घाव धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
- बिहीदाना के बीजों को पानी के साथ उबालकर घोल बना लें और इसमें 40 से 80 मिलीलीटर तक की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से आमाशय का जख्म व दर्द ठीक होता है।
- तुम्बरू (तेजफल) का सूखा चूर्ण एक चौथाई से आधा ग्राम की मात्रा में लेने से आमाशय का घाव, दर्द व अन्य परेशानी दूर होती है।
- सत्यानाशी (पीला धतूरा) की पीसी हुई जड़ 5 से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी के साथ लेने से खाने के बाद होने वाला आमाशय के जख्म का दर्द ठीक होता है।
- समुद्री नमक खाने से आमाशय की बीमारी समाप्त होती है।
- मुलहठी की जड़ को पीसकर 4 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ दिन में 3 बार पीने आमाशय का जख्म ठीक होता है। मुलहठी की जड़ का 40 ग्राम काढ़ा बनाकर शहद मिलाकर सुबह-शाम पीने से आमाशय का जख्म एवं दर्द में आराम मिलता है।
- पटोल के बीजों का काढ़ा बनाकर 50 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार पीने से आमाशय का घाव व दर्द ठीक होता है।
- पाठे की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से आमाशय का दर्द शांत होता है और उल्टी व कमजोरी दूर होती है।
- चम्पा के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से आमाशय की पीड़ा में आराम मिलता है।
- मूली के रस में नमक मिलाकर पीने से आमाशय का घाव ठीक होता है।
- सागवान की लकड़ी को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 5 से 12 ग्राम खाने से पित्त के कारण होने वाले पेट (आमाशय) की जलन शांतहोती है।
- 100 मिलीलीटर पुदीने का रस गर्म करके 9 ग्राम शहद और 6 ग्राम नमक मिलाकर पीने से उल्टी होकर पेट का दर्द ठीक होता है।
- बबूल की गोंद पानी में घोलकर पीने से आमाशय और आंतों की पीड़ा दूर होती है।
- आम की भुनी हुई गुठली की मींगी का चूर्ण बनाकर खाने से आंतों की कमजोरी दूर हो जाती है।
- छोटी पीपल का चूर्ण एक चौथाई से आधा ग्राम की मात्रा में दही के साथ सुबह-शाम सेवन करने से आमाशय में आराम मिलता है।
- कूठ को गुलाब के जल में पीसकर पेट पर लेप करने से पेट का बढ़ना ठीक होता है और हाथ-पैर की सूजन दूर होती है।
- अंगूर, नारियल एवं आलू के रस में शहद मिलाकर पीने से आमाशय के घाव में आराम मिलता है।
नोट: इस Gastric Ulcer Ke Gharelu Upay के आर्टिकल में दी गई जानकारियां रिसर्च पर आधारित हैं। इन्हें लेकर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूरी तरह सत्य और सटीक हैं, इन्हें आजमाने और अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।