Navratri Day 5 Maa Skandmata Puja Vidhi || माता स्कंदमाता की पूजा विधि

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स्कंदमाता पूजा विधि || Skandmata Puja Vidhi || Navratri Day 5 Skandmata Puja Vidhi

नवरात्र के पांचवे दिन की शक्ति स्वरूपा मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है ! !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! जय श्री मेरे पूज्यनीय माता – पिता जी !!9667189678 Mata Skandmata Puja VidhiBy Online Specialist Astrologer Sri Hanuman Bhakt Acharya Pandit Lalit Trivedi.

स्कंदमाता पूजा विधि || Skandmata Puja Vidhi || Skandmata Devi Puja Vidhi

माता स्कंदमाता देवी का स्वरूप || Mata Skandmata Devi Ka Swarup

Mata Skandmata की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है। उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं तथा एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ है और ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं, जिस कारण माता को पद्मासना देवी भी कहा जाता है | Mata Skandmata को अपना नाम अपने पुत्र के साथ जोड़ना बहुत अच्छा लगता है। इसलिए इन्हें स्नेह और ममता की देवी माना जाता है। इनका वाहन सिंह है। ये माता भक्त की सभी इच्छाओंको पूर्ण करने वाली हैं | भगवान स्कन्द की माता होने के कारण श्री दुर्गा के इस स्वरुप को स्कंदमाता कहा जाता है |

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माता स्कंदमाता देवी की पूजा विधि || Mata Skandmata Puja Vidhi

आस्थावान भक्तो में मान्यता है कि यदि कोई श्रद्धा और भक्ति पूर्वक Mata Skandmata की पूजा करता है तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और उसे इस मृत्युलोक में परम शांति का अनुभव होने लगता है | माता की कृपा से उसके लिए मोक्ष के द्वार स्वयमेव सुलभ हो जाता है | पौराणिक कथानुसार भगवती स्कन्दमाता ही पर्वतराज हिमालय की पुत्री पार्वती है | महादेव की पत्नी होने के कारण माहेश्वरी और अपने गौर वर्ण के कारण गौरी के नाम से भी माता का पूजन किया जाता है | माता को अपने पुत्र से अधिक स्नेह है, जिस कारण इन्हें इनके पुत्र स्कन्द के नाम से ही पुकारा जाता है | पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है ।

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माता स्कंदमाता देवी का मंत्र || Mata Skandmata Puja Mantra

सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया | शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ||

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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माता स्कंदमाता देवी के उपाय || Mata Skandmata Devi Ka Upay

नवरात्रि के पांचवे दिन Mata Skandmata देवी को केले का भोग लगा कर और इनका दान करने से आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहती है !

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