Sri Krishna Chandra Ashtak || Krishna Chandra Ashtakam || श्री कृष्ण चन्द्रा अष्टकम

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श्री कृष्ण चन्द्रा अष्टकम भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित हैं ! श्री कृष्ण चन्द्रा अष्टकमके बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Sri Krishna Chandra Ashtak By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi.

Sri Krishna Chandra Ashtak || Krishna Chandra Ashtakam || श्री कृष्ण चन्द्रा अष्टकम

महानीलमेघातिभव्यं सुहासं शिवब्रह्मदेवादिभिः संस्तुतश्च ।

रमामन्दिरं देवनन्दापदाहं भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्द्रम् ॥ १ ॥

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रसं वेदवेदान्तवेद्यं दुरापं सुगम्यं तदीयादिभिर्दानवघ्नम् ।

लसत्कुण्डलं सोमवंशप्रदीपं भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्द्रम् ॥ २ ॥

यशोदादिसंलालितं पूर्णकामं दृशोरञ्जनं प्राकृतस्थस्वरूपम् ।

दिनान्ते समायान्तमेकान्तभक्तैर्भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्द्रम् ॥ ३ ॥

कृपादृष्टिसम्पातसिक्तस्वकुञ्जं तदन्तःस्थितस्वीयसम्यग्दशादम् ।

पुनस्तत्र तैः सत्कृतैकान्तलीलं भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्दम् ॥ ४ ॥

गृहे गोपिकाभिर्धृते चौर्यकाले तदक्ष्णोश्च निक्षिप्य दुग्धं चलन्तम् ।

तदा तद्वियोगादिसम्पत्तिकारं भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्द्रम् ॥ ५ ॥

चलत्कौस्तुभव्याप्तवक्षःप्रदेशं महावैजयन्तीलसत्पादयुग्मम् ।

सुकस्तूरिकादीप्तभालप्रदेशं भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्द्रम् ॥ ६ ॥

गवा दोहने दृष्टराधामुखाब्जं तदानीं च तन्मेलनव्यग्रचित्तम् ।

समुत्पन्नतन्मानसैकान्तभावं भजे राधिकावल्लभं कृष्णचन्द्रम् ॥ ७ ॥

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अदः कृष्णचन्द्राष्टकं प्रेमयुक्तः पठेत्कृष्णसान्निध्यमाप्नोति नित्यम् ।

कलौ यः स संसारदुःखातिरिक्तं प्रयात्येव विष्णोः पदं निर्भयं तत् ॥ ८ ॥

॥ इति श्रीरघुनाथप्रभुविरचितं श्रीकृप्णचन्द्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

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