श्री विष्णु चालीसा || Shri Vishnu Chalisa || Lord Vishnu Chalisa

श्री विष्णु चालीसा, Shri Vishnu Chalisa, Lord Vishnu Chalisa, श्री विष्णु चालीसा के फायदे, Shri Vishnu Chalisa Ke Fayde, श्री विष्णु चालीसा के लाभ, Shri Vishnu Chalisa Ke Labh, Shri Vishnu Chalisa Benefits, Shri Vishnu Chalisa in Hindi, Shri Vishnu Chalisa Pdf, Shri Vishnu Chalisa Mp3 Download, Shri Vishnu Chalisa Lyrics.

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678

नोट : यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

30 साल के फ़लादेश के साथ वैदिक जन्मकुंडली बनवाये केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number : +91-9667189678

हर महीनें का राशिफल, व्रत, ज्योतिष उपाय, वास्तु जानकारी, मंत्र, तंत्र, साधना, पूजा पाठ विधि, पंचांग, मुहूर्त व योग आदि की जानकारी के लिए अभी हमारे Youtube Channel Pandit Lalit Trivedi को Subscribers करना नहीं भूलें, क्लिक करके अभी Subscribers करें : Click Here

श्री विष्णु चालीसा || Shri Vishnu Chalisa || Lord Vishnu Chalisa

श्री विष्णु चालीसा भगवान श्री गणेश जी को समर्पित हैं ! श्री विष्णु चालीसा को जो भी साधक नियमित रूप से पाठ करने से विद्या प्राप्ति, धन प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति और मोक्ष के लिए बहुत लाभदायक हैं ! श्री विष्णु चालीसाआदि के बारे में बताने जा रहे हैं !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !! यदि आप अपनी कुंडली दिखा कर परामर्श लेना चाहते हो तो या किसी समस्या से निजात पाना चाहते हो तो कॉल करके या नीचे दिए लाइव चैट ( Live Chat ) से चैट करे साथ ही साथ यदि आप जन्मकुंडली, वर्षफल, या लाल किताब कुंडली भी बनवाने हेतु भी सम्पर्क करें : 9667189678 Shri Vishnu Chalisa By Online Specialist Astrologer Acharya Pandit Lalit Trivedi.

श्री विष्णु चालीसा || Shri Vishnu Chalisa || Lord Vishnu Chalisa

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।

कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय॥

नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी।

प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत।

तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत॥

शंख चक्र कर गदा बिराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे।

सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

सन्तभक्त सज्जन मनरंजन दनुज असुर दुष्टन दल गंजन।

सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन॥

पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण।

करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा।

भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा॥

आप वाराह रूप बनाया, हरण्याक्ष को मार गिराया।

धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया॥

अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया।

देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया॥

कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया।

शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया॥

वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया।

मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया॥

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई।

हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी।

तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥

देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी॥

हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे।

गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥

हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे।

देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥

चहत आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन।

जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥

क्या आप सरकारी नौकरी चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें: Click Here

सभी सरकारी योजना की जानकारी या लाभ लेने के लिए यहाँ क्लिक करें: Click Here

शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण।

करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण।

सुर मुनि करत सदा सेवकाई हर्षित रहत परम गति पाई॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई।

पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ॥

सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ।

निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री ( Lal Kitab Horoscope ) बनवाए केवल 500/- ( Only India Charges ) में ! Mobile & Whats app Number :+91-9667189678

<<< पिछला पेज पढ़ें अगला पेज पढ़ें >>>


यदि आप अपने जीवन में किसी कारण से परेशान चल रहे हो तो ज्योतिषी सलाह लेने के लिए अभी ज्योतिष आचार्य पंडित ललित त्रिवेदी पर कॉल करके अपनी समस्या का निवारण कीजिये ! +91- 9667189678 ( Paid Services )

यह पोस्ट आपको कैसी लगी Star Rating दे कर हमें जरुर बताये साथ में कमेंट करके अपनी राय जरुर लिखें धन्यवाद : Click Here

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

You cannot copy content of this page