मोक्षदा एकादशी का महत्व || Mokshada Ekadashi Ka Mahatva

मोक्षदा एकादशी का महत्व || Mokshada Ekadashi Ka Mahatva

मोक्षदा एकादशी ( mokshada ekadashi ) मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती हैं ! यानी आती हैं ! इसी दिन गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता हैं ! मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी ( Vaikuntha Ekadashi ) के नाम से मनाया जाता हैं । मोक्षदा एकादशी ( mokshada ekadashi ) वाले दिन भगवान श्री कृष्ण जी ने कुरुक्षेत्र में रणभूमि में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था ! इस कथा को पढ़ने या सुनने से वायपेय यज्ञ का फल मिलता है । यह व्रत मोक्ष देने वाला तथा चिंतामणि के समान सब कामनाएँ पूर्ण करने वाला है ।

मोक्षदा एकादशी के वाले दिन भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था इसलिए मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती ( Gita jayanti ) के नाम से भी जाना जाता है । क्योंकी महाभारत के रणभूमि में अर्जुन को युद्ध से पहले अपने सगे संबधित को देखकर युद्ध करने का मोह आ गया था इसलिए भगवान श्री कृष्ण जी ने उस मोह को दूर करने के लिए आज के दिन ही अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था ! जिसे सुनने के बाद अर्जुन का मोह दूर हो गया था ! मोक्षदा का एक अर्थ है की मोह को क्षय ( मोह को नाश करना ) करने वाली । मोह को दूर करने के कारण इसका नाम ‘मोक्षदा’ रखा गया है । मोक्षदा एकादशी के दिन का उपवास करने से व्यक्ति को लोभ, मोह, द्वेष और समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है ।

शास्त्रों व पुराणों के मोक्षदा एकादशी का महत्व || Mokshada Ekadashi Ka Mahatva in hindi

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार वैखानस नाम के राजा को एक बार सपने में उनके मरे हुए पिता ने बताया किं वह नरक की यातना भोग रहे हैं और अपने पुत्र से इस कष्ट से मुक्त कराने को कहते हैं ! उसके बाद राजा ऋषि के पास जाकर अपने सपने के बारे में उन्हें बताते हैं जिसके बाद ऋषि ने अंतदृष्टि से पता कर लिया कि राजा के पिता अपने पूर्व जन्म में किस कारन से नरक की यातना झेल रहे हैं ! उसके बाद ऋषि राजा को मोक्षदा एकादशी का करने की सलाह देते है और साथ में गीता पढ़ने को कहते है ! उसके बाद राजा द्वारा मोक्षदा एकादशी का उपवास करने से उनके पिता जी को नर्क से मुक्ति मिल जाती हैं !

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मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये काम

मोक्षदा एकादशी वाले दिन को गीता का पाठ करना करना चाहिए ! यदि जो भी व्यक्ति गीता के सारे पाठ नही कर सकता हो तो उसे केवल अठारवें अध्याय का पाठ भी कर लें तो उन्हें संपूर्ण गीता पाठ का लाभ मिल जाता है ।

मोक्षदा एकादशी कब  हैं? || mokshada ekadashi kab hai 2023

मोक्षदा एकादशी ( mokshada ekadashi ) को दिसम्बर महीने की 22 तारीख़, वार शुकवार के दिन बनाई जायेगीं ! 

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